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【心灵打油诗】一日一诗 |
发表于 2013-2-19 20:51:06
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发表于 2013-2-19 21:41:52
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发表于 2013-2-20 14:16:20
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发表于 2013-2-20 23:53:40
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发表于 2013-2-21 09:36:40
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田园陶得怡情醉,野猎寻来雅趣悠。耕种诗心闲弄笔,夫言古韵墨文留。
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发表于 2013-2-22 00:01:52
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发表于 2013-2-22 21:21:48
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发表于 2013-2-24 00:49:40
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